Wednesday, January 22, 2014

भारती को क्लीन चिट नहीं: योगेंद्र यादव

नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भले ही अपने कानून मंत्री सोमनाथ भारती की तारीफ करने नहीं थक रहे हों, लेकिन उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने साफ तौर पर कहा है कि उन्हें कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है। वह भरोसा भी दिला रहे हैं कि न्यायिक जांच में आरोप साबित हुए तो उनके खिलाफ जरूर कार्रवाई होगी। पेश हैं बातचीत के अंश :

आरोप है कि आपके मंत्री के नेतृत्व में भीड़ ने महिलाओं से दु‌र्व्यवहार किया

दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक न्यायिक जांच का आदेश दे दिया है। इसके दायरे में वहां के हालात, पुलिस का व्यवहार और उस रात को हुई तमाम घटनाएं हैं। न्यायिक जांच दिल्ली सरकार के मनोनित जज नहीं कर रहे। इससे बेहतर और स्वतंत्र कौन सी जांच हो सकती है? जैसे ही न्यायिक जांच इसमें स्पष्ट कर देगी, उसके बाद कार्रवाई होगी ही होगी।

चौतरफा घिरे कानून मंत्री भारती, कांग्रेस के कड़े तेवर

जिसके खिलाफ जांच हो रही हो, उसे पद पर नहीं रहना चाहिए। सामान्य पुलिस अधिकारी जांच प्रभावित कर सकता है तो मंत्री क्यों नहीं?

पिछले दो दिन में पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली पुलिस पर तो दिल्ली सरकार का रत्ती भर प्रभाव नहीं। ऐसे में जांच में भी दिल्ली सरकार का रत्ती भर भी असर नहीं होगा। दूसरे राज्यों के कानून मंत्री की हैसियत दिल्ली के मंत्री की नहीं है।

मंत्री भी जांच के दायरे में हैं?

यह तो स्वयं उप राज्यपाल ने कहा है।

फिर भी खुद मुख्यमंत्री उनका बचाव कर रहे हैं?

तो क्या दिल्ली का मुख्यमंत्री भी इस्तीफा दे दे?

..लेकिन क्या उनका क्लीन चिट देना उचित है?

क्लीन चिट दी भी नहीं गई है। मुख्यमंत्री ने केवल इतना कहा है कि कानून मंत्री ने वहां के स्थानीय लोगों की समस्याएं सुन कर और उनसे मिल कर काम किया है। इसमें कोई बुराई नहीं। मुख्यमंत्री ने इस बात के लिए प्रशंसा भी की है कि कम से कम आधी रात को कोई मंत्री जनता की बात सुनकर उनके साथ जा तो रहा है। प्रक्रिया संबंधी अगर कोई भूल या गलती हुई है तो उसके बारे में मुख्यमंत्री ने कोई बचाव नहीं किया है।

पार्टी या सरकार को अपनी ओर सेच्सच्चाई जानने की जरूरत नहीं लगती?

तीन जांच एक साथ होंगी और उनके अलग-अलग निष्कर्ष होंगे तो क्या होगा? और जिसमें जांच करने वाली एजेंसी के पास सुबूत नहीं हो, उससे क्या फायदा होगा, मुझे पता नहीं।

क्या लोकायुक्त कानून के लिए अब कोई समय सीमा हो सकती है?

तकनीकी समस्या की वजह से जन लोकायुक्त में जरूर देरी हुई है। अब बहुत जल्दी हो जाएगा।

लोकायुक्त को लेकर इतने बड़े दावे किए थे कि काफी भ्रष्टाचार दूर हो जाएगा। लेकिन इसे करवाने की बजाय पुलिसवालों के तबादले में लग गए?

सरकार एक साथ कई सारी चीजें करती है। यह भी हमारे लिखित मैनिफेस्टो में था कि हम दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने और दिल्ली पुलिस को सरकार के तहत लाने का प्रयास करेंगे।

Source Link: http://hindi.yahoo.com

No comments:

Post a Comment